कल देश के लगभग हर कोने में दिवाली का पर्व बेहद उत्साह, उमंग और उल्लास के साथ मनाया गया और लोगों ने जमकर दिवाली की ख़रीदारी की। चारों ओर दीपों की जगमगाहट और रंग-बिरंगी सजावट ने माहौल को और भी आनंदमय बना दिया।हालाँकि कुछ हिस्सों में दिवाली आज भी मनाई गई लेकिन इससे लोगों के उत्साह में कहीं कोई कमी नहीं है।अयोध्या में श्री राम का मंदिर बनने के बाद देश में यह पहली दीपावली है, इसलिए भी लोगों की उमंग बहुत ज़्यादा है ।
बाज़ारों में विशेष रूप से खरीदारों की भारी भीड़ देखने को मिली। व्यापारियों के साथ साथ छोटा व्यापार करने वाले लोग जैसे कुम्हार, कारीगर एवं घरों में दिवाली का सामान बनाने वाले लोगों ने भी बड़े पैमाने पर अपने सामान की बिक्री की। लोगों ने जमकर खरीदारी की, जिससे पूरे देश में व्यापार में बड़ा इजाफा हुआ। इस साल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “वोकल फॉर लोकल” अभियान के तहत भारतीय सामान की खरीद में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई।मिट्टी के दीये,भगवान की मूर्तियों,घर सजावट का सामान,वंदनवार, फूल-पत्तियाँ,फल एवं पूजा का सामान,बिजली की रंगबिरंगी लड़ियाँ, मिठाई एवं नमकीन,कपड़े, हैंडिक्राफ़्ट आइटम्स, उपहार की वस्तुओं, फुटवियर, मेकअप का सामान, कास्मेटिक्स, सोने चाँदी के सामान और अन्य घरेलू उत्पादों की भारी मांग रही, जिससे स्थानीय व्यापारियों और कारीगरों को काफी लाभ मिला।इस वर्ष 4.25 लाख करोड़ के दिवाली त्यौहार पर बिक्री का आँकड़ा अब तक का रिकॉर्ड व्यापार है ।
चाँदनी चौक से सांसद तथा कनफ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल तथा कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया ने एक संयुक्त वक्तव्य में बताया कि एक मोटे अनुमान के अनुसार 4.25 लाख करोड़ के त्यौहारों के व्यापार में लगभग 13% खाद्य एवं किराना में, 9% ज्वेलरी में, 12% वस्त्र एवं गारमेंट, 4% ड्राई फ्रूट, मिठाई एवं नमकीन, 3% घर की साज सज्जा, 6% कास्मेटिक्स, 8% इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मोबाइल, 3% पूजन सामग्री एवं पूजा वस्तुओं, 3% बर्तन तथा रसोई उपकरण, 2% कॉन्फ़ेक्शनरी एवं बेकरी, 8% गिफ्ट आइटम्स, 4% फ़र्निशिंग एवं फर्नीचर एवं शेष 20% ऑटोमोबाइल, हार्डवेयर, इलेक्ट्रिकल, खिलौने सहित अन्य अनेक वस्तुओं एवं सेवाओं पर ग्राहकों द्वारा खर्च किए गए । देश भर में पैकिंग कारोबार को भी एक बड़ा बाज़ार इस दिवाली पर मिला।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिवाली त्यौहारों पर लोकल बनी वस्तुएँ ख़रीदने का आह्वान किया गया था जिसका बड़ा प्रभाव पूरे देश में दिखाई दिया । देश के सभी शहरों के स्थानीय निर्माताओं, कारीगरों एवं कलाकारों द्वारा बनाये गये उत्पादों की भारी मात्रा में बिक्री हुई जिससे आत्मनिर्भर भारत की एक विशिष्ट झांकी दिवाली पर्व के ज़रिए देश एवं दुनिया को दिखाई गई।
श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल कहा कि इस साल भी चीनी उत्पादों को नकारते हुए पूरी तरह से भारतीय सामान को प्राथमिकता दी है जिससे व्यापारी उत्साहित हैं और अब देवउठनी एकादशी 12 नवंबर से शुरू होने वाले शादियों के सीजन पर बड़े व्यापार की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
श्री खंडेलवाल ने दिल्ली सहित सभी देशवासियों का आभार व्यक्त करता है जिन्होंने इस दिवाली पर स्थानीय उत्पादों को खरीद कर देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में योगदान दिया और एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि त्यौहार भारत की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा और अभिन्न हिस्सा हैं ।