चाँदनी चौक से सांसद श्री प्रवीन खंडेलवाल ने दिल्ली के उपराज्यपाल श्री वी के सक्सेना से आग्रह किया है पुरानी दिल्ली की बदहाल स्तिथि और स्थानीय निकायों की बहुलता को देखते हुए शाहजहानाबाद रिडीवेलोप्मेंट कारपोरेशन को पुरानी दिल्ली की देखभाल करने की ज़िम्मेदारी दी जाये ।

उपराज्यपाल को भेजे अपने एक पत्र में श्री खंडेलवाल ने कहा कि शाहजहानाबाद, जिसे आमतौर पर पुरानी दिल्ली के नाम से जाना जाता है, हमारे देश की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह क्षेत्र मुग़ल काल से जुड़ी अनेक धरोहरों और वास्तुकला के अद्वितीय उदाहरणों को संजोए हुए है वहीं दूसरी ओर यह संपूर्ण क्षेत्र देश का सबसे बड़ा व्यावसायिक हब भी जहां 150 से अधिक वस्तुओं का थोक व्यापार भी होता है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र का समुचित विकास और रखरखाव न होने के कारण इसकी ऐतिहासिकता और भव्यता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है

श्री खंडेलवाल ने कहा कि शाहजहानाबाद पुनर्विकास निगम (SRDC) को विशेष रूप से पुरानी दिल्ली के विकास, सौंदर्यीकरण और संरक्षण के लिए गठित किया गया था। इस निगम का उद्देश्य न केवल इस क्षेत्र की ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करना है, बल्कि आधुनिक आवश्यकताओं के अनुसार इसकी बुनियादी ढांचे को भी उन्नत करना है।

श्री खंडेलवाल ने कहा कि इस दृष्टि से पुरानी दिल्ली के समग्र विकास, सौंदर्यीकरण और देखभाल की ज़िम्मेदारी शाहजहानाबाद पुनर्विकास निगम (SRDC) को सौंपी जाए। उन्होंने कहा कि निगम को निम्नलिखित कार्यों के लिए पूर्ण अधिकार दिए जाने चाहिए:

1. *विकास और पुनर्निर्माण*: पुरानी दिल्ली के ऐतिहासिक स्थलों का संरक्षण और आधुनिक सुविधाओं के साथ इसका पुनर्निर्माण।

2. *सफाई और रखरखाव*: क्षेत्र की सफाई, अपशिष्ट प्रबंधन और आधारभूत ढांचे का नियमित रखरखाव।

3. *यातायात और भीड़ नियंत्रण*: पुरानी दिल्ली की सड़कों और गलियों में यातायात के प्रबंधन और अनियंत्रित भीड़ को नियंत्रित करने की योजनाएं बनाना।

4. *पर्यटन को बढ़ावा देना*: इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक सुविधाएं और ढांचागत विकास करना, ताकि घरेलू और विदेशी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हो।

5. *स्थानीय व्यवसायों को सहयोग*: पुरानी दिल्ली के स्थानीय व्यवसायों और व्यापारियों को समर्थन देना, ताकि इस क्षेत्र सहित दिल्ली की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके।

श्री खंडेलवाल ने कहा कि इससे न केवल पुरानी दिल्ली के ऐतिहासिक महत्व का संरक्षण होगा, बल्कि स्थानीय निवासियों और व्यापारियों के जीवन स्तर में भी सुधार होगा। निगम को इन कार्यों के लिए समुचित बजट और अधिकार दिए जाएं, ताकि वह अपने उद्देश्यों को प्रभावी रूप से पूरा कर सके वहीं विभिन्न सरकारी निकायों में आपसी समन्वय हो सके ।