दिल्ली के विभिन्न सांसदों ने उपराज्यपाल से कल एक महत्वपूर्ण मुलाकात कर एक एमनेस्टी स्कीम की माँग उठाई है, ताकि सीलिंग की कार्रवाई से दुकानों एवं रिहायशी इलाक़ों को राहत मिल सके। इस कदम का उद्देश्य व्यापारियों और दुकानदारों तथा दिल्ली के लोगों को सीलिंग से बचाना है, जिससे उनका व्यवसाय सुचारू रूप से चल सके और उन्हें अनावश्यक आर्थिक नुकसान न उठाना पड़े।

इस मुलाक़ात में शामिल चाँदनी चौक के सांसद श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि जस प्रकार से दिल्ली में 1731 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित किया गया है उसी तर्ज़ पर दिल्ली में एक कट ऑफ डेट के साथ एक एमनेस्टी स्कीम लागू की जाए जिसमें कट ऑफ़ डेट तक जो जहां है जैसा है के आधार को अनुमति दे जाए तथा जिन स्थानों पर अनियमितताएँ हुई हैं, उनको दिल्ली नगर निगम क़ानून के प्रावधानों के अंतर्गत एक जायज़ शुल्क लेकर नियमित किया जाए । सांसद बांसुरी स्वराज सहित सभी अन्य सांसदों ने श्री खंडेलवाल की बात का समर्थन करते हुए यह भी आग्रह किया कि इस स्कीम में व्यावसायिक तथा रिहायशी दोनों को शामिल किया जाये ।

श्री खंडेलवाल ने कहा कि वर्ष 2008 में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक हलफ़नामे में शहरी विकास सचिव ने यह स्वीकार किया कि सरकार अब तक दिल्ली में कुल 16 प्रतिशत कमर्शियल स्पेस विकसित कर पाई है और इस दृष्टि से दिल्ली की तेज़ी से बढ़ती जनसंख्या की माँग पूर्ति को देखते हुए व्यापारियों ने जहां भी स्थान मिला वहीं दुकानें खोलकर सरकार की सतत ही की है, इसलिए दुकानों पर सीलिंग और तोड़फोड़ करने से दिल्ली पूरी तरह अस्त व्यस्त हो जाएगी जिससे दिल्ली का व्यापार बुरी तरह प्रभावित होगा ।

श्री खंडेलवाल ने यह भी माँग की दिल्ली नगर निगम ने पूर्व में एक प्रस्ताव पास कर 351 सड़कों को कमर्शियल अथवा मिक्स्ड लैंड यूज करने को कहा था जिसे दिल्ली सरकार को अधिसूचत करना था किंतु पहले शीला दीक्षित तथा बाद में अरविंद केजरीवाल ने इसको होने नहीं दिया लिहाज़ा उपराज्यपाल इसकी अधिसूचना तुरंत जारी करें ।

श्री खंडेलवाल ने उपराज्यपाल का ध्यान उनके चुनाव क्षेत्र चाँदनी चौक की बदहाली की तरफ़ आकर्षित करते हुए कहा कि पुरानी दिल्ली की देख रेख का जिम्मा शाहजहानाबाद रिडिवेलोक्मेंट कारपोरेशन को सौंप कर उसे नोडल अथॉरिटी बनाया जाये तथा उसको दोबारा गठित कर निर्वाचित प्रतिनिधियों को शामिल किया जाये

Press Statement – 5

दिल्ली की समस्याओं पर भाजपा सांसद मिले उपराज्यपाल से

351 कमर्शियल और मिक्स्ड लैंड सड़कों को शीघ्र किया जाए नोटिफाई

किसानों को वैकल्पिक प्लॉट और म्युटेशन की सुविधा की जाए बहाल

69 एफ्लुएंट कॉलोनियों, भूमिहीनों को दिए जाएं मालिकाना अधिकार दिये जायें । इसके अलावा 69 तथाकथित एफ्लुएंट कॉलोनियों को मालिकाना अधिकार और किसानों को अधिग्रहित भूमि के बदले वैकल्पिक प्लॉट देने की नीति को पुनः लागू करने की भी मांग की है।

प्रतिनिधिमंडल में रामवीर सिंह बिधूड़ी, श्रीमती कमलजीत सहरावत, श्री योगेंद्र चंदोलिया, श्री प्रवीण खंडेलवाल और सुश्री बांसुरी स्वराज शामिल

इसके अलावा दिल्ली में जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है, उसके बदले उन्हें वैकल्पिक आवासीय प्लॉट दिए जाने की योजना आम आदमी पार्टी सरकार ने रोक दी है। ऐसे 16 हजार आवेदन अभी लंबित पड़े हैं। जिन किसानों की मृत्यु हो गई है उनके उत्तराधिकारियों के नाम पर म्युटेशन नहीं किया जा रहा, जिससे उन्हें कानूनी उत्तराधिकार नहीं मिल पा रहा। दिल्ली की 69 एफ्लुएंट कॉलोनियों को मालिकाना अधिकार नहीं दिए गए हैं जबकि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी ऐसी ही भावना व्यक्त की है।

बिजली का कनेक्शन मांगने पर गांवों और अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को प्राइवेट बिजली कंपनियां डीडीए का एनओसी लाने के नाम पर परेशान कर रही हैं। बिजली कनेक्शन के लिए एनओसी की यह शर्त हटाई जाए।

सांसदों ने सुझाव दिया कि दिल्ली को सीलिंग और तोड़फोड़ से राहत दिलाने के लिए कट ऑफ डेट के साथ एक एमनेस्टी स्कीम लाई जाए ताकि जायज शुल्क लेकर उनकी दुकानों को नियमित किया जा सके।

शहरी क्षेत्र, सदर पहाड़गंज और करोल बाग क्षेत्रों में स्थित नजूल संपत्तियों का भी मालिकाना हक वर्तमान आवासी को प्रदान किया जाए।

यह भी अनुरोध किया गया कि 20 सूत्री कार्यक्रम के अंतर्गत भूमिहीनों को मकान बनाने और कृषि के लिए जो जमीन दी गई थी, उसका उन्हें मालिकाना हक दिया जा