छठ पूजा के चार दिनों में देश में लगभग 12 हज़ार करोड़ रुपये का व्यापार होने की संभावना कपड़े, फल, फूल, सब्ज़ी, साड़ियों एवं मिट्टी के चूल्हे सहित छोटे उत्पादों का हुआ बड़ा व्यापार
कल 5 नवंबर को नहाय-खाय से शुरू होकर 8 नवम्बर तक चलने वाले चार दिवसीय छठ पूजा महोत्सव के दौरान बिहार एवं झारखंड के अलावा देश के अन्य राज्यों में बसे पूर्वांचल के लोग बेहद उत्साह एवं उमंग के साथ छठ पूजा करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।एक अनुमान के अनुसार देश भर में लगभग 15 करोड़ से अधिक लोग छठ पूजा में शामिल होंगे जिनमें स्त्री, पुरुष के अलावा युवा एवं बच्चे सभी शामिल हैं।
कनफ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) जो इस वर्ष हर त्यौहार के बिक्री के आँकड़े जारी कर रहा है, ने छठ पूजा की बिक्री के आँकड़े आज जारी करते हुए कहा कि छठ पूजा के त्यौहार पर देश भर में लगभग 12 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक के व्यापार की उम्मीद है।छठ पूजा भारत की लोक संस्कृति का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है।
दिल्ली के सभी भागों में भी बड़ी संख्या में पूर्वांचली लोग रहते है और गत अनेक वर्षों से दिल्ली में भी छठ का त्यौहार बड़े उत्साह से मनाया जाता है और सैंकड़ों स्थानों पर छठ की पूजा पूर्ण विधि विधान से की जाती है । दिल्ली में चाँदनी चौक, सदर बाज़ार, मॉडल टाउन, अशोक विहार, आदर्श नगर, आज़ादपुर,शालीमार बाग, पीतमपुरा, रानी बाग, पश्चिम विहार, उत्तम नगर, तिलक नगर, कालकाजी, ग्रेटर कैलाश, प्रीत विहार, शाहदरा, लोनी रोड, लक्ष्मी नगर, विकास मार्ग, यमुना विहार, आनंद विहार आदि के बाज़ारों में लोगों द्वारा छठ पूजा का सामान ख़रीदने की रौनक़ लगी हुई है।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया ने बताया कि बिहार एवं झारखंड के अलावा यह त्यौहार पूर्वी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़ विदर्भ एवं मध्य प्रदेश में भी बड़े ज़ोर शोर से मनाया जाता है क्योंकि इन सभी राज्यों में पूर्वांचल के लोग बड़ी संख्या में काम करते हुए अपनी आजीविका अर्जित करते हैं।यह भारत की संस्कृति एवं सभ्यता है कि जहां छठ पूजा के दौरान उगते सूर्य के साथ पहले डूबते सूर्य की पूजा की जाती है जो इस बात को स्पष्ट दर्शाता है कि उगते के साथ तो सब होते हैं लेकिन भारत के लोग डूबते का भी सहारा बनते हैं और उसमें भी अपनी ख़ुशियाँ खोजते हैं।
कैट के अनुसार छठ पूजा में प्रयुक्त होने वाली सामग्री, जैसे बाँस के सूप, केले के पत्ते, गन्ना, प्मिठाई, फल और सब्जियों में विशेष रूप से नारियल,सेब, केला और हरी सब्जियाँ शामिल है ।छठ पूजा के अवसर पर महिलाओं के पारंपरिक परिधानों, जैसे साड़ी, लहंगा -चुन्नी, सलवार कुर्ता और पुरुषों के लिए कुर्ता-पायजामा, धोती आदि की बड़ी खरीददारी हुई है जिससे स्थानीय व्यापारियों को लाभ हुआ है और लघु एवं कुटीर उद्योग को भी बल मिला है वहीं घरों में छोटे पैमाने पर बनाये जाने वाले सामान की बड़ी बिक्री हो रही है।
श्री खंडेलवाल ने कहा कि “छठ पूजा केवल एक धार्मिक आयोजन ही नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है जो सामाजिक एकता और समर्पण का प्रतीक है। इससे व्यापार और स्थानीय उत्पादकों को भी सीधा लाभ पहुँचता है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को और मजबूत
छठ पूजा के दौरान इस्तेमाल होने वाले अधिकांश उत्पाद बड़े पैमाने पर स्थानीय कारीगरों और हस्तशिल्पियों द्वारा बनाये जाते हैं जिससे उन्हें रोजगार के नए अवसर प्राप्त हुए हैं।
श्री भरतिया ने कहा कि छठ पूजा का पर्व न केवल आध्यात्मिक श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि व्यापार और रोजगार के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में उभरा है, जो आने वाले समय में भारतीय बाजारों को नई आर्थिक ऊर्जा देगा।
छठ पूजा का व्रत महिलाएं अपनी संतान और पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना को लेकर करती हैं. इस पूजा में लंबा सिंदूर पति के लिए बेहद शुभ माना जाता है और इसलिए छठ पूजा के दौरान महिलाएं नाक से मांग तक सिंदूर लगाती है. ऐसा माना जाता है महिलाएं जितना लंबा सिंदूर लगाती हैं उनके पति की आयु ही लंबी होती है ।
Recent Latest News
- करवा चौथ पर देशभर में मची खरीदारी की धूम देशभर में करवा चौथ पर 28 हज़ार करोड़ रुपये का व्यापार अनुमानित वहीं दिल्ली में 8 हज़ार करोड़ रुपए के व्यापार की संभावना
- Festive shopping frenzy across the Country on Karva Chauth Estimated ₹28,000 crore business across India and ₹8,000 crore in Delhi alone on Karva Chauth
- करवा चौथ त्याग प्रेम और समानता का पर्व करवा चौथ पर पतियों को भी रखना चाहिए व्रत : खण्डेलवाल करवा चौथ पर देश भर में 25 हज़ार करोड़ रुपए के व्यापार का अनुमान
- Karva Chauth – A festival of devotion, love, and equality Husbands should also observe fast on Karva Chauth: Khandelwal Estimated ₹25,000 crore business across the country on Karva Chauth
- नवरात्रि के साथ दिवाली उत्सव शुरू – 4.75 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड बिक्री की उम्मीद भारतीय उत्पादों का बाज़ारों में दबदबा – स्वदेशी व्यापार की नई पहचान