करवा चौथ त्याग प्रेम और समानता का पर्व करवा चौथ पर पतियों को भी रखना चाहिए व्रत : खण्डेलवाल करवा चौथ पर देश भर में 25 हज़ार करोड़ रुपए के व्यापार का अनुमान
पारंपरिक भारतीय संस्कृति में करवा चौथ का विशेष महत्व है। यह पर्व नारी शक्ति के त्याग, समर्पण और प्रेम का प्रतीक है। हर वर्ष यह दिन विवाहित महिलाएँ अपने पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखकर मनाती हैं। यह परंपरा भारतीय परिवार व्यवस्था की सुदृढ़ता और भावनात्मक जुड़ाव को दर्शाती है। चांदनी चौक से सांसद तथा कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने देश भर के लोगों ख़ास तौर पर व्यापारियों से अपील की है कि वो भी अपनी पत्नी के सम्मान में करवा चौथ का व्रत रखें। श्री खंडेलवाल पिछले बीस वर्षों से अधिक समय से स्वयं करवा चौथ का व्रत रखते हैं ।
श्री खंडेलवाल ने कहा की आज के समय में करवा चौथ केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक भावनात्मक अवसर है जो वैवाहिक रिश्ते में समानता और पारस्परिक सम्मान का संदेश देता है। जिस प्रकार महिलाएँ अपने पतियों के दीर्घ जीवन के लिए उपवास रखती हैं, उसी प्रकार पुरुषों को भी अपनी पत्नियों के स्वास्थ्य, दीर्घायु और खुशहाली के लिए व्रत रखना चाहिए। यह कदम न केवल प्रेम की अभिव्यक्ति है, बल्कि सच्चे अर्थों में “जेंडर इक्वैलिटी” और परस्पर सम्मान का परिचायक है।
देश के बदलते सामाजिक परिवेश में अब कई युवा और प्रगतिशील पुरुष भी अपनी पत्नियों के साथ व्रत रखकर समानता की भावना को प्रकट कर रहे हैं। यह परंपरा और आधुनिक सोच का सुंदर संगम है।
श्री खंडेलवाल ने कहा की करवा चौथ का आर्थिक पहलू भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर देशभर के बाजारों में भारी रौनक रहती है। इस वर्ष करवा चौथ पर आभूषण, परिधान, कॉस्मेटिक्स, मिठाइयाँ, गिफ्ट आइटम्स और सजावटी सामान सहित अन्य सामानों की बिक्री में लगभग ₹25,000 करोड़ के कारोबार का अनुमान है जिससे यह त्योहार न केवल भावनाओं का, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने वाला पर्व भी बन गया है।
कल 10 अक्टूबर को करवा चौथ जैसे बड़े त्यौहार जो देखते हुए दिल्ली एवं देश के बाज़ारों में बड़े स्तर पर व्यापारियों द्वारा तैयारियां की गई हैं !करवा चौथ में मुख्य रूप से पूजा की थाली, रोली एवं चावल रखने के लिए छोटी कटोरियाँ, चन्द्रमा को जल का अर्क देने के लिए लोटा अथवा गिलास एवं महिलाओं द्वारा चन्द्रमा को देखने के लिए छलनी मुख्य हैं ! यह सभी वस्तुएं, सोने, चांदी, पीतल, स्टेनलेस स्टील अथवा कांसे की होती हैं ! प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वदेशी आवाहन के चलते कैट देश भर में भारत में ही बनी यह सारी वस्तुएं उपयोग में लाईजाएंगी जबकि पहले में यह वस्तुएं अधिकांश रूप से चीन में बनी इस्तेमाल होती थी !
यह इस व्रत की महिमा ही है कि कुंवारी कन्याएं भी मनवांछित जीवन साथी पानी के लिए यह व्रत रखती हैं ! इस दिन विधि-विधान से माता पार्वती और भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है. पूजा-अर्चना करने के बाद करवा चौथ की कथा सुनी जाती है. फिर रात को चांद को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत पूरा किया जाना होता है.! इस विशेष व्रत के लिए महिलाएं हफ्तों पहले से ही तैयारियां शुरू कर देती हैं की इस दिन क्या पहनना है और कैसे करवा चौथ के दिन सबसे सुंदर एवं आकर्षक लगना है, आदि की तैयारियों में लगी रहती हैं जिससे पूरे देश में एक उत्सव का माहौल बना रहता है जो दिवाली तक चलता है !
करवा चौथ हमें यह संदेश देता है कि सच्चा प्रेम केवल त्याग में नहीं, बल्कि समानता और परस्पर आदर में निहित है। जब पति-पत्नी दोनों एक-दूसरे की खुशहाली के लिए व्रत रखते हैं, तभी यह पर्व अपने वास्तविक और श्रेष्ठ स्वरूप में मनाया जा सकता है।
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