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जल्द ही सरकार व्यापारियों के लिए “ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस” पर केंद्रित राष्ट्रीय खुदरा व्यापार नीति का प्रारूप करेगी तैयार

चांदनी चौक से सांसद श्री प्रवीन खंडेलवाल ने आज लोकसभा में यह स्पष्ट करने की मांग की कि क्या सरकार छोटे और सूक्ष्म व्यापारियों के लिए विशेष प्रावधानों के साथ एक राष्ट्रीय व्यापार नीति तैयार कर रही है, इस पर किन-किन पक्षों से परामर्श किया गया है, और क्या चांदनी चौक जैसे पारंपरिक बाजारों से मिले सुझावों को इसमें शामिल किया गया है।

जवाब में वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद ने सदन को सूचित किया कि एक *राष्ट्रीय खुदरा व्यापार नीति का प्रारूप* तैयार किया गया है। यह नीति केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, राज्य सरकारों तथा देशभर के प्रमुख उद्योग एवं व्यापार संगठनों के साथ व्यापक परामर्श के बाद तैयार की गई है।

इस प्रारूप नीति का उद्देश्य खुदरा व्यापार के समग्र विकास के लिए लक्षित सुधारों के माध्यम से रणनीतियां तैयार करना है। इसमें खुदरा व्यापार क्षेत्र में *ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस* को बढ़ावा देने पर विशेष जोर है — जैसे अनुपालन बोझ कम करना, व्यापारियों के लिए ऋण तक आसान पहुंच सुनिश्चित करना, खुदरा व्यापार में छोटे अपराधों का अपराधीकरण समाप्त करना, लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं को सरल बनाना, अनावश्यक नवीनीकरण आवश्यकताओं को समाप्त करना और निरीक्षण सुधार लागू करना। साथ ही, यह नीति एक *सिंगल-विंडो मैकेनिज़्म* के माध्यम से सार्वजनिक सेवाओं की आपूर्ति को सुगम बनाने पर भी बल देती है।

श्री खंडेलवाल ने सरकार द्वारा देश की आर्थिक संरचना में व्यापारियों की भूमिका को मान्यता देने का स्वागत किया और जोर दिया कि *चांदनी चौक जैसे पारंपरिक और ऐतिहासिक बाजारों से प्राप्त सुझावों को अंतिम नीति ढांचे का अभिन्न हिस्सा बनाया जाना चाहिए*।

उन्होंने कहा कि छोटे व्यापारी केवल आर्थिक योगदानकर्ता ही नहीं हैं, *बल्कि भारत की सांस्कृतिक और व्यावसायिक विरासत के संरक्षक भी हैं*। उनका यह भी कहना था कि खुदरा व्यापार में नीतिगत सुधार केवल “ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस” तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि पारंपरिक बाजारों की जीवंतता को भी संरक्षित करते हुए उन्हें आधुनिक अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाना चाहिए।

लालफीताशाही घटाकर, संसाधनों तक पहुंच बढ़ाकर और विकास के लिए एक अधिक अनुकूल माहौल तैयार करके इस प्रस्तावित नीति से, खासकर घनी आबादी वाले शहरी बाजारों में, लाखों व्यापारियों को लाभ पहुंचाने की उम्मीद है।

श्री खंडेलवाल ने आश्वासन दिया कि देश के प्रतिष्ठित बाजारों, जिनमें चांदनी चौक भी शामिल है, को अंतिम नीति ढांचे में उचित स्थान दिलाने के लिए वे व्यापारी संगठनों के साथ निरंतर संवाद बनाए रखेंगे।