
सांसद खंडेलवाल ने केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू को पत्र लिखकर संसद की कार्यवाही में भारतीय सांकेतिक भाषा (ISL) की व्याख्या को शामिल करने का प्रस्ताव रखा
संसद के मानसून सत्र से पहले चांदनी चौक से सांसद श्री प्रवीन खंडेलवाल ने संसदीय कार्य मंत्री माननीय श्री किरण रिजिजू को पत्र लिखकर संसद की समस्त कार्यवाहियों में रियल टाइम भारतीय सांकेतिक भाषा (ISL) में व्याख्या की व्यवस्था करने का अनुरोध किया है। यह प्रस्ताव उन नागरिकों के लिए संसदीय प्रक्रियाओं को पूर्ण रूप से सुलभ बनाने के उद्देश्य से रखा गया है, जो बहरापन या श्रवण संबंधित अक्षमता से पीड़ित हैं।
अपने पत्र में श्री खंडेलवाल ने उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत की शासन प्रणाली में एक बुनियादी परिवर्तन आया है, जिसमें पारदर्शिता, समावेशिता और पहुंच को नीति निर्माण की मूल भावना बनाया गया है। डिजिटल इंडिया, सुगम्य भारत और विकसित भारत जैसी पहलों के माध्यम से सरकार ने प्रत्येक नागरिक को सशक्त बनाने का निरंतर प्रयास किया है। संसद को श्रवण बाधित नागरिकों के लिए सुलभ बनाना इसी व्यापक जन भागीदारी वाले लोकतंत्र के दृष्टिकोण का हिस्सा है।
2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या का लगभग 2.21 प्रतिशत हिस्सा किसी न किसी प्रकार की दिव्यांगता से पीड़ित है, जिसमें से 5.76 प्रतिशत लोग श्रवण अक्षमता से प्रभावित हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन और राष्ट्रीय सैंपल सर्वेक्षण के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार लगभग 6.3 करोड़ भारतीय किसी न किसी रूप में गंभीर श्रवण हानि का सामना कर रहे हैं। इनमें से कई के लिए भारतीय सांकेतिक भाषा ही उनका प्रमुख संवाद माध्यम है।
श्री खंडेलवाल ने प्रस्ताव दिया कि लोकसभा व राज्यसभा की सभी कार्यवाहियों—जैसे कि भाषण, बहस, संवैधानिक पदाधिकारियों के विशेष संबोधन, और आधिकारिक मीडिया ब्रीफिंग—के साथ समय-समय पर ISL व्याख्या उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह व्याख्या उच्च गुणवत्ता की होनी चाहिए, स्पष्ट रूप से दृश्य हो, और Sansad TV, संसद की वेबसाइट तथा सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर रियल टाइम में प्रसारित की जाए।
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि सरकार ने इस दिशा में पहले ही महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जैसे कि 2015 में भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (ISLRTC) की स्थापना। उन्होंने कहा कि संसद में ISL व्याख्या की व्यवस्था, एक समावेशी और सुलभ भारत के निर्माण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को और मज़बूती देगी।
श्री खंडेलवाल ने यह भी रेखांकित किया कि यह प्रस्ताव संविधान में प्रदत्त समानता के अधिकार, दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 और संयुक्त राष्ट्र के दिव्यांगजन अधिकारों से संबंधित कन्वेंशन के अनुरूप है, जिनका भारत एक हस्ताक्षरकर्ता है।
उन्होंने संसदीय कार्य मंत्रालय से आग्रह किया कि वह सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और दोनों सदनों के सचिवालयों के साथ परामर्श की प्रक्रिया आरंभ करे। उन्होंने मंत्रालय को विषय विशेषज्ञों, सुगमता विशेषज्ञों और इस क्षेत्र में कार्यरत सामाजिक संगठनों से संपर्क कराने का भी प्रस्ताव दिया, जो लंबे समय से इस सुधार की माँग कर रहे हैं।
Recent Latest News
- इस वर्ष 9 अगस्त को राखी और ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की तिथि का संगम – व्यापारियों को 17 हज़ार करोड़ के व्यापार के उम्मीद
- Confluence of Raksha Bandhan and Quit India Movement on August 9 – Traders expect business worth ₹17,000 crore
- सांसद खंडेलवाल ने केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू को पत्र लिखकर संसद की कार्यवाही में भारतीय सांकेतिक भाषा (ISL) की व्याख्या को शामिल करने का प्रस्ताव रखा
- BJP MP Praveen Khandelwal Writes to Union Minister Kiren Rijiju Ahead of Monsoon Session, Proposes Indian Sign Language Interpretation for Parliamentary Proceedings
- व्यापारी कल्याण बोर्ड के गठन के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने किया आभार व्यक्त