सांसद खंडेलवाल ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव से की राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा प्रमाणन परिषद बनाने की मांग — सुरक्षित और तकनीकी रूप से सशक्त भारत की दिशा में एक निर्णायक कदम
चांदनी चौक के सांसद श्री प्रवीन खंडेलवाल ने भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, संचार और रेलवे मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर देश में राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा प्रमाणन परिषद (National Cybersecurity Certification Council) के गठन की मांग की है, ताकि भारत की साइबर सुरक्षा और डिजिटल मजबूती को और सशक्त किया जा सके।
श्री खंडेलवाल ने कहा कि भारत में तेजी से हो रहा डिजिटल परिवर्तन जहाँ शासन, व्यापार और नागरिक सेवाओं में अभूतपूर्व सुविधा लेकर आया है, वहीं साइबर धोखाधड़ी, डेटा चोरी और तकनीक के दुरुपयोग के मामलों में चिंताजनक वृद्धि भी हुई है।उन्होंने कहा — “जो तकनीक हमें सशक्त बनाती है, वही यदि नियंत्रण से बाहर हो जाए तो नुकसान भी पहुंचा सकती है। अब समय आ गया है कि हम इसके लिए मजबूत संस्थागत ढांचा तैयार करें।”
अपने पत्र में श्री खंडेलवाल ने एक राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा प्रमाणन निकाय (Certification Body) की स्थापना का सुझाव दिया है, जो देश में साइबर सुरक्षा शिक्षा, प्रमाणन और कौशल विकास को बढ़ावा देगा और मानकीकृत करेगा। यह पहल डिजिटल इंडिया और विकसित भारत @2047 के विज़न से जुड़ी होगी, जिसका उद्देश्य एक ऐसे प्रशिक्षित कार्यबल का निर्माण करना है जो राष्ट्र की डिजिटल सुरक्षा को सुदृढ़ कर सके।
श्री खंडेलवाल ने कहा, “इस परिषद का मिशन भारत की साइबर सुरक्षा क्षमता को संगठित प्रशिक्षण, प्रमाणन और अनुसंधान के माध्यम से मजबूत करना होना चाहिए, ताकि हर डिजिटल नागरिक सशक्त भी हो और सुरक्षित भी।”
उन्होंने सुझाव दिया कि यह परिषद विश्वस्तरीय मानकों पर आधारित साइबर सुरक्षा प्रमाणपत्र कोर्स शुरू कर सकती है, जैसे —
• सर्टिफाइड एथिकल हैकर (Certified Ethical Hacker – CEH): एथिकल हैकिंग और पेनिट्रेशन टेस्टिंग की विशेषज्ञता के लिए।
• कंप्यूटर हैकिंग फॉरेंसिक इन्वेस्टिगेटर (CHFI): डिजिटल फॉरेंसिक और साक्ष्य प्रबंधन पर केंद्रित।
• सर्टिफाइड नेटवर्क डिफेंडर (CND): नेटवर्क सुरक्षा और रक्षा तकनीकों में प्रशिक्षण के लिए।
• सर्टिफाइड सिक्योरिटी एनालिस्ट (CSA): कमजोरियों के मूल्यांकन और सुरक्षा परीक्षण में उन्नत प्रशिक्षण के लिए।
• लाइसेंस्ड पेनिट्रेशन टेस्टर – मास्टर (LPT): साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के लिए उच्च स्तरीय प्रमाणन।
• सर्टिफाइड चीफ इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी ऑफिसर (CCISO): साइबर सुरक्षा प्रबंधन में नेतृत्वकारी भूमिकाओं के लिए।
श्री खंडेलवाल ने कहा कि इस तरह की संस्था न केवल साइबर सुरक्षा क्षेत्र में कौशल की भारी कमी को पूरा करेगी, बल्कि देश में एथिकल हैकर्स, सूचना सुरक्षा विशेषज्ञों और साइबर जागरूक नागरिकों का एक सशक्त तंत्र भी तैयार करेगी।
उन्होंने कहा, “भारत का विश्व का प्रमुख टेक्नोलॉजी हब बनने का सपना एक मजबूत साइबर सुरक्षा नींव पर ही टिक सकता है। राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा प्रमाणन परिषद की स्थापना से भारत की डिजिटल यात्रा सुरक्षित, आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनेगी।”
श्री खंडेलवाल ने यह भी कहा कि यह कदम न केवल व्यवसायों, स्टार्टअप्स और संस्थानों की डिजिटल मजबूती को बढ़ाएगा, बल्कि भारत की पहचान एक विश्वसनीय वैश्विक डिजिटल शक्ति के रूप में और सशक्त करेगा।
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