प्रधानमंत्री मोदी के स्वदेशी आव्हान को लेकर शुरू होगा राष्ट्रीय स्वदेशी अभियान 15, 16 सितम्बर को नागपुर में होगा व्यापारी जुटान
अमेरिका की टैरिफ वॉर के बीच प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर स्वदेशी वस्तुओं के प्रचार-प्रसार एवं उपभोग को जन-आंदोलन बनाने के उद्देश्य से आज कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT), स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल, हॉकर्स जॉइंट एक्शन कमेटी एवं राष्ट्रीय उपभोक्ता मोर्चा द्वारा संयुक्त प्रेस वार्ता आयोजित की गई।
इस अवसर पर घोषणा की गई कि आगामी *15-16 सितम्बर को नागपुर* में “व्यापारी जुटान – राष्ट्रीय सम्मेलन” आयोजित होगा, जिसमें देशभर से 400 से अधिक व्यापारी नेताओं, हॉकर्स संगठनों, उपभोक्ता मंचों एवं उद्योग प्रतिनिधियों की सहभागिता होगी। इस सम्मेलन के बाद “राष्ट्रीय स्वदेशी अभियान” पूरे देश के गांव-गांव, कस्बों और शहरों तक चलाया जाएगा।
अपने मीडिया मित्रो को संबोधित करते हुए *संसद सदस्य एवं राष्ट्रीय महामंत्री कैट, श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा*, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत का सपना अब तेजी से साकार हो रहा है। अमेरिकी टैरिफ वॉर हमारे लिए चुनौती नहीं बल्कि अवसर है। व्यापारी वर्ग यह प्रण लेता है कि हर दुकान, हर बाजार, हर रेहड़ी पर स्वदेशी वस्तुएँ उपलब्ध कराई जाएँगी। विदेशी वस्तुओं का विकल्प केवल स्वदेशी ही होगा।”
संयुक्त वक्तव्य में बताया गया कि देशभर में 10 करोड़ से अधिक व्यापारी, रेहड़ी-पटरी वाले और छोटे रिटेल व्यवसायी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लगभग *82 लाख करोड़ रुपये* के व्यापार से जुड़े हैं। आने वाले 10 वर्षों में यह आंकड़ा *190 लाख करोड़ रुपये* तक पहुँचने का अनुमान है। लेकिन अमेज़न और वालमार्ट जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ ई-कॉमर्स के अवैध माध्यम से बाजार में घुसपैठ कर रही हैं, जिससे छोटे व्यापारी गंभीर संकट में हैं।
इस अवसर पर *कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी. सी. भारतीया* ने कहा ,“आज देश के 3.5 करोड़ दुकानदार और रेहड़ी पटरी वाले इस अभियान के मुख्य स्तंभ हैं। यदि हम सब मिलकर उपभोक्ताओं को स्वदेशी अपनाने के लिए प्रेरित करें तो भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलेगी। नागपुर सम्मेलन से हम एक राष्ट्रीय रणनीति तय करेंगे, जो स्वदेशी अभियान को गांव-गांव तक पहुँचाएगी।”
प्रेस वार्ता में *श्री दीपक शर्मा* ने कहा “व्यापारियों को 1991 से ही गलत छवि देकर ‘बिचौलिया’ साबित करने का प्रयास किया गया, जबकि वास्तविकता यह है कि विदेशी कंपनियाँ चीन सहित अन्य देशों से सस्ता माल लाकर भारतीय बाजार को नुकसान पहुँचा रही हैं। इससे छोटे उद्योग ठप हो रहे हैं, रोजगार कम हो रहा है और व्यापार घाटा चिंताजनक स्थिति में पहुँच गया है। ऐसे समय में स्वदेशी ही एकमात्र समाधान है।”
उन्होंने आगे कहा कि “बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ हमारे रिटेल व्यापार पर कब्ज़ा करना चाहती हैं। लेकिन अब समय आ गया है कि व्यापारी, उपभोक्ता और उद्योगपति सब मिलकर स्वदेशी को बढ़ावा दें। यह अभियान सिर्फ व्यापार का नहीं बल्कि आर्थिक स्वतंत्रता का आंदोलन है। आने वाली पीढ़ियों के लिए मजबूत भारत की नींव यही है।
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