
भारतीय व्यापारी नेताओं ने तुर्की और अज़रबैजान के साथ व्यापार बहिष्कार का बड़ा निर्णय लिया आज दिल्ली में कैट द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में लिया गया निर्णय
आज राजधानी दिल्ली में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन में देशभर से आए 125 से अधिक शीर्ष व्यापारिक नेताओं ने सर्वसम्मति से यह संकल्प लिया कि भारत का व्यापारिक समुदाय तुर्की और अज़रबैजान के साथ हर प्रकार के व्यापार एवं व्यावसायिक संबंधों का पूर्ण बहिष्कार करेगा, जिसमें यात्रा और पर्यटन भी शामिल है।
व्यापारिक समुदाय ने भारतीय फिल्म उद्योग से भी अपील की है कि वे तुर्की और अज़रबैजान में किसी भी प्रकार की फिल्म की शूटिंग न करें, और यदि कोई फिल्म वहाँ शूट होती है, तो व्यापार जगत और आम जनता ऐसे फिल्मों का बहिष्कार करेगी। सम्मेलन में यह भी निर्णय लिया गया कि कोई भी कॉरपोरेट हाउस तुर्की और अज़रबैजान में अपने उत्पादों के प्रमोशन की शूटिंग नहीं करेगा।
इस सम्मेलन में देश के 24 राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए उन सभी ताकतों का सख्ती से विरोध करने का संकल्प लिया जो भारत के खिलाफ खड़ी हैं।
यह प्रस्ताव तुर्की और अज़रबैजान द्वारा हाल ही में पाकिस्तान के पक्ष में खुले समर्थन के संदर्भ में पारित किया गया है, जब भारत एक संवेदनशील और गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा संकट से गुजर रहा है। व्यापारिक समुदाय का मानना है कि यह भारत के साथ एक प्रकार का विश्वासघात है, विशेष रूप से उस मानवीय एवं कूटनीतिक सहायता को देखते हुए जो भारत, और विशेषकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, ने संकट के समय इन देशों को प्रदान की थी।
सभा को संबोधित करते हुए CAIT के महामंत्री एवं सांसद श्री प्रवीण खंडेलवाल “यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि तुर्की और अज़रबैजान, जिन्होंने भारत की सद्भावना, सहायता और रणनीतिक समर्थन का लाभ उठाया, आज पाकिस्तान का साथ दे रहे हैं – जो विश्व स्तर पर आतंकवाद के समर्थन के लिए जाना जाता है। उनका यह रुख भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों पर आघात है और साथ ही 140 करोड़ भारतीयों की भावनाओं का भी अपमान है।”
सम्मेलन में यह भी कहा गया कि तुर्की द्वारा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बार-बार भारत विरोधी बयान देना और पाकिस्तान की बात का समर्थन करना अस्वीकार्य है, जबकि अज़रबैजान का तुर्की के साथ खड़ा होना और पाकिस्तान के पक्ष में सार्वजनिक बयान देना भारत की दोस्ती और सहयोग के प्रति अनादर दर्शाता है।
CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी. सी. भरतिया ने कहा कि व्यापारिक समुदाय ने दोनों देशों के प्रति अपनी तीव्र नाराजगी और असंतोष व्यक्त किया है और उनकी नीतियों को “अकृतज्ञ और भारत विरोधी” बताया। सम्मेलन में सर्वसम्मति से यह तय किया गया कि ऐसे देशों को भारत से किसी भी प्रकार का आर्थिक सहयोग या व्यापारिक लाभ नहीं मिलना चाहिए।
व्यापारियों ने भारत सरकार द्वारा तुर्की की कंपनी “Celebi Ground Handling India Private Limited” की सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के निर्णय का स्वागत किया, जो भारत के नौ प्रमुख हवाई अड्डों पर सेवाएं प्रदान कर रही थी। यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में लिया गया है।
मुख्य निर्णय:
1. तुर्की और अज़रबैजान के उत्पादों का देशव्यापी बहिष्कार:
भारत के व्यापारी अब तुर्की और अज़रबैजान से आयात-निर्यात बंद करेंगे।
2. व्यापारिक संबंधों पर पूर्ण विराम:
भारतीय निर्यातकों, आयातकों और व्यापारिक प्रतिनिधिमंडलों को इन देशों की कंपनियों या संस्थानों के साथ किसी भी प्रकार की व्यावसायिक साझेदारी से रोका जाएगा।
3. यात्रा और पर्यटन योजनाओं का बहिष्कार:
यात्रा एजेंसियों और इवेंट प्लानर्स से अनुरोध किया जाएगा कि वे तुर्की और अज़रबैजान को पर्यटन या व्यावसायिक गंतव्य के रूप में प्रचारित न करें।
4. भारत सरकार से अपील:
व्यापार और उद्योग मंत्रालय तथा विदेश मंत्रालय को एक ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें इन देशों के साथ सभी व्यावसायिक संबंधों की नीति स्तर पर समीक्षा की मांग की जाएगी।
श्री खंडेलवाल ने अंत में कहा:
“भारतीय व्यापारिक समुदाय हमेशा राष्ट्र के साथ खड़ा रहा है। जब कोई देश भारत की एकता और अखंडता को चुनौती देता है, तो हम उसका उत्तर शांति के सबसे प्रभावशाली अस्त्र – आर्थिक बहिष्कार – के माध्यम से देंगे।”
CAIT देशभर में एक व्यापक जनजागरूकता अभियान भी चलाएगा, ताकि व्यापारियों, उपभोक्ताओं और यात्रा पेशेवरों को इस बहिष्कार से जोड़कर राष्ट्र की संप्रभुता, सुरक्षा और गौरव की रक्षा की जा सके।
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