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विश्व बैंक के आंकड़े प्रधानमंत्री मोदी के परिवर्तनकारी शासन की पुष्टि करते हैं

भारत की विकास यात्रा को एक महत्वपूर्ण समर्थन देते हुए, विश्व बैंक द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि देश में बीते 11 वर्षों में अत्यंत गरीबी में उल्लेखनीय गिरावट आई है — *यह कहना है दिल्ली के चांदनी चौक से सांसद एवं संसद की वाणिज्य स्थायी समिति के सदस्य श्री प्रवीन खंडेलवाल का।*

विश्व बैंक के अनुसार वर्ष 2011–12 से 2022–23 के बीच 26.9 करोड़ लोग अत्यंत गरीबी से बाहर निकले हैं।

अत्यंत गरीबी की दर 2011–12 में 27.1% से घटकर 2022–23 में मात्र 5.3% रह गई है।अत्यंत गरीबी में जीवन व्यतीत करने वाले लोगों की संख्या 344.47 मिलियन से घटकर 75.24 मिलियन हो गई है।

श्री खंडेलवाल ने कहा कि यह आंकड़े प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2014 से अब तक की गई दूरदर्शी नीतियों, समावेशी योजनाओं और आर्थिक सुधारों का प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। लक्षित कल्याण योजनाओं, डिजिटल सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से मोदी सरकार ने गरीबी उन्मूलन और सामाजिक न्याय की मजबूत नींव रखी है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, उज्ज्वला योजना, जन धन योजना, आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री आवास योजना और पीएम किसान सम्मान निधि जैसी योजनाएं इस बात का प्रमाण हैं कि किस प्रकार मोदी सरकार ने समाज के सबसे वंचित वर्गों के उत्थान को प्राथमिकता दी है।

श्री खंडेलवाल ने आगे कहा कि यह गिरावट केवल एक सांख्यिकीय उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह आशा, गरिमा और आर्थिक सशक्तिकरण का प्रतीक है, जो समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रहा है। यह भारत को विकसित राष्ट्र (विकसित भारत) बनाने की दिशा में हमारे दृढ़ संकल्प को भी दोहराता है।

उन्होंने यह भी कहा कि यह उपलब्धि इस विश्वास को मजबूत करती है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत न केवल दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है, बल्कि एक ऐसा राष्ट्र भी बन रहा है जहाँ गरीबों को सशक्त किया जा रहा है, जोड़े रखा जा रहा है और उनका उत्थान किया जा रहा है।