
मजबूत और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण हेतु कैट ने दिया आर्थिक राष्ट्रवाद का आह्वान
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) ने देश भर के व्यापारियों और नागरिकों से आर्थिक राष्ट्रवाद को अपनाने का जोरदार आह्वान किया है। संगठन ने व्यापारियों से भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता देने और उपभोक्ताओं से देशी वस्तुओं तथा स्थानीय उद्योगों को समर्थन देने की अपील की है, जिससे राष्ट्र की अर्थव्यवस्था और संप्रभुता को मजबूती मिल सके तथा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान को देश के कोने कोने में सुदृढ़ किया जा सके।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री और दिल्ली के चांदनी चौक से भाजपा सांसद श्री प्रवीन खंडेलवाल ने एक मजबूत आर्थिक नींव की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा, “आर्थिक राष्ट्रवाद आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। हर भारतीय को एकजुट होकर भारतीय वस्तुओं और व्यवसायों का समर्थन करना चाहिए। यह केवल व्यापार का विषय नहीं है, बल्कि यह हमारे राष्ट्रीय गौरव, आर्थिक मजबूती और रणनीतिक आत्मनिर्भरता से जुड़ा मुद्दा है।”
श्री खंडेलवाल ने यह भी कहा कि विदेशी फंडिंग वाली ई-कॉमर्स कंपनियाँ तथा क्विक कॉमर्स प्लेटफार्म ब्रांड्स के साथ मिलकर भारतीय बाजार में विदेशी और नकली उत्पादों की भरमार कर रही हैं, जिससे देश का खुदरा व्यापार ढांचा बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब समय आ गया है कि हम भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता दें और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ एवं ‘मेड इन इंडिया’ के विज़न को पूरी तरह समर्थन दें, जिससे आर्थिक राष्ट्रवाद को बल मिल सके।
कैट लंबे समय से घरेलू उद्यमिता के पक्ष में खड़ा रहा है और विदेशी—विशेष रूप से चीनी—उत्पादों पर निर्भरता को कम करने की निरंतर वकालत करता रहा है। वर्षों से संगठन ने देशव्यापी अभियानों का नेतृत्व किया है, जिनमें चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का आह्वान प्रमुख रहा है और जिसका असर पूरे देश में देखने को मिला है। वर्तमान टैरिफ युद्ध में चीन अपना सामान भारत में थोपने की कोशिश कर रहा है लेकिन भारत के व्यापारी एवं लघु उद्योग चीन के मंसूबों को सफल नहीं होने देंगे।
देशभर में फैले 9 करोड़ से अधिक व्यापारियों के व्यापक नेटवर्क के साथ कैट जन जागरूकता अभियानों, संपर्क कार्यक्रमों और जमीनी स्तर पर लोगों की भागीदारी के ज़रिए आत्मनिर्भर, टिकाऊ और राष्ट्रीय हितों पर आधारित एक नए आर्थिक ढांचे के निर्माण के लिए अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
Recent Latest News
- आचार्य चाणक्य ने कहा था जब शांति सभी उपायों से असंभव हो जाए, तभी युद्ध का मार्ग अपनाना चाहिए। परंतु जब युद्ध करो, तो ऐसा करो कि शत्रु फिर कभी उठ न सके।” और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्र को दिए अपने संबोधन में आचार्य चाणक्य के इस विचार को सिद्ध भी कर दिया।
- Acharya Chanakya once said, ‘When peace becomes impossible through all means, only then should the path of war be adopted. But when you wage war, do it in such a way that the enemy can never rise again.’ Today, Hon’ble Prime Minister Shri Narendra Modi has validated this very thought through his address to the nation.
- भारत के खुदरा व्यापार पर कब्ज़े की साज़िश के खिलाफ 16 मई को कैट का राष्ट्रीय संगोष्ठी — देशभर के 100 से अधिक व्यापारिक नेता लेंगे भाग
- National Conference by CAIT on 16th May against conspiracy to capture India’s Retail Trade — Over 100 top trade leaders from across the Country to participate
- आतंक पर वायु प्रहार – भारत की सेनाओं का आभार