खंडेलवाल ने दिल्ली में “दिल्ली आर्थिक विकास परिषद” के गठन का दिया सुझाव
चांदनी चौक से सांसद एवं कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता से आग्रह किया है कि दिल्ली में आर्थिक एवं औद्योगिक गतिविधियों को गति देने के उद्देश्य से एक “दिल्ली आर्थिक विकास परिषद” (Delhi Economic Development Council) का गठन किया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसी परिषद न केवल दिल्ली में आर्थिक विकास को नई दिशा देगी, बल्कि दिल्ली को राजस्व के मामले में आत्मनिर्भर भी बनाएगी।
श्री खंडेलवाल ने इस संबंध में आज मुख्यमंत्री को एक विस्तृत पत्र भेजा है। पत्र में उन्होंने उल्लेख किया है कि पिछले लगभग दस वर्षों में दिल्ली में किसी भी प्रकार की ठोस आर्थिक या व्यापारिक नीति लागू नहीं हुई है, जिसके परिणामस्वरूप दिल्ली का व्यापार, उद्योग और सेवा क्षेत्र कई प्रकार की चुनौतियों का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि यदि दिल्ली को देश के अन्य महानगरों की तुलना में अग्रणी बनाना है, तो आर्थिक विकास के लिए एक समर्पित और व्यवस्थित योजना बनाना अत्यंत आवश्यक है।इस योजना से दिल्ली में ही रोजगार के बड़े नए अवसर प्राप्त हो सकेंगे।
अपने पत्र में श्री खंडेलवाल ने यह भी उल्लेख किया कि हाल ही में केंद्र सरकार के शहरी सुधार से संबंधित एक उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष श्री केशव वर्मा ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी है। इस रिपोर्ट में शहरी विकास को आर्थिक सुदृढ़ता के साथ जोड़ने की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है। समिति ने अपने सुझाव में प्रत्येक बड़े शहर में “सिटी इकोनॉमिक डेवलपमेंट काउंसिल” (City Economic Development Council) के गठन का प्रस्ताव रखा है, ताकि शहर अपने स्तर पर आर्थिक संसाधन उत्पन्न कर आत्मनिर्भर बन सकें। इस रिपोर्ट पर वित्त मंत्रालय गंभीरता से विचार कर रहा है।
समिति ने प्रत्येक शहर में ब्राउनफील्ड डेवलपमेंट का सुझाव दिया है लगभग हर शहर में विकास बिना किसी ठोस योजना के हुआ है जिससे शहरों का चरित्र विकृत ही गया है ।शहरों में कारोबारी गतिविधियां शहरों के बीच में ही हुई है जबकि आबादी शहर और उसके आस पास तक फ़ैल चुकी हैं । इस वास्तविकता को देखते हुए शहरों के आर्थिक विकास को एक नई दिशा देने की ज़रूरत है जिससे शहर आर्थिक रूप से स्वयं के संसाधनों पर निर्भर रह सकें और आर्थिक गतिविधियों को एक नया आयाम मिलें।
श्री खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली, जो देश की राजधानी है और देश के सबसे बड़े व्यापारिक केंद्रों में से एक है, को इस पहल का सबसे पहले लाभ उठाना चाहिए। यदि समय रहते दिल्ली में “दिल्ली आर्थिक विकास परिषद” का गठन कर, नीति-निर्माण, निवेश प्रोत्साहन, व्यापार सुलभता, औद्योगिक पुनरुद्धार और सेवा क्षेत्र के विस्तार जैसे क्षेत्रों में समन्वित प्रयास किए जाएं, तो दिल्ली आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर बन सकती है।
उन्होंने सुझाव दिया कि इस परिषद में सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ व्यापारिक संगठनों, औद्योगिक निकायों, विशेषज्ञों और शहरी विकास के जानकारों को भी शामिल किया जाए, ताकि नीति निर्माण जमीनी हकीकत पर आधारित हो और प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।
श्री खंडेलवाल ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि वे इस दिशा में शीघ्र पहल करें और दिल्ली के आर्थिक पुनरुद्धार के लिए ठोस कार्ययोजना बनाएं।उन्होंने कहा की दिल्ली के व्यापारी इस पहल में पूर्ण रूप से दिल्ली सरकार के साथ मजबूती से खड़े हैं और दिल्ली को एक इकोनॉमिक कैपिटल बनाने के लिए संकल्पित हैं
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