
आज से दिल्ली सहित देश भर में अगले एक महीने तक रहेगी त्यौहारों की धूम दस दिन के नवरात्रि एवं रामलीला, डांडिया एवं गरबा उत्सवों से होगा 50 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार दिल्ली में ही लगभग 5 हज़ार करोड़ रुपये के व्यापार होने की उम्मीद
नवरात्रि ,रामलीला, गरबा तथा डांडिया जैसे उत्सव ,जो हर वर्ष देश भर में दस दिन तक मनाए जाते हैं , के चलते इस बार देशभर में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ा बढ़ावा मिलना दिखाई दे रहा है। कनफ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के एक अनुमान के अनुसार *अगले दस दिनों में देश भर में लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होने की संभावना है।* अकेले दिल्ली में ही लगभग 8 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होगा। इन उत्सवों के दौरान बाजारों में रौनक बढ़ने की उम्मीद है, जिससे व्यापारियों को काफी फायदा होगा। *पिछले वर्ष दस दिन का यह व्यापार लगभग 35 हज़ार करोड़ रुपये का था।*
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री तथा चाँदनी चौक से सांसद श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि त्यौहारों में ख़रीदी की विशेष बात यह है कि बिक्री किया जाने वाले अधिकांश भारतीय उत्पाद ही होंगे। अब लोगों का चीन से बने सामानों से मोहभंग हो चुका है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर “वोकल फॉर लोकल” तथा “आत्मनिर्भर भारत “ अभियान ने देश भर में भारतीय सामानों की गुणवत्ता को बढ़ाया है तथा अब भारत में बने सामान किसी भी विदेशी सामान से बेहतर हैं और यही कारण है कि उपभोक्ता का रुझान अब भारतीय वस्तुओं की ख़रीदी पर ही है।
देश भर में नवरात्रि, रामलीला, गरबा एवं डांडिया जैसे 1 लाख से अधिक छोटे-बड़े कार्यक्रम आयोजित होते हैं जिसमें विभिन्न प्रकार के धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, एवं आध्यात्मिक कार्यक्रम शामिल हैं वहीं बड़े पैमाने पर देश भर में भक्ति संगीत के कार्यक्रम भी आयोजित होते है। इन उत्सवों के ज़रिए लाखों लोगों को रोज़गार मिलता है। नवरात्रि के समापन पर विजयदशमी, दुर्गा विसर्जन, करवा चौथ, धनतेरस, दीपावली, भाई दूज, छठ पूजा एवं तुलसी विवाह से त्यौहारों की यह श्रृंखला समाप्त होगी। श्री खंडेलवाल ने यह भी बताया कि अकेले दिल्ली में छोटी बड़ी लगभग एक हज़ार से अधिक रामलीलाएँ आयोजित की जाती हैं वहीं सैकड़ों दुर्गा पूजा के पंडाल लगते हैं । मूल रूप से गुजरात में होने वाले डांडिया और गरबा के कार्यक्रम बड़े पैमाने पर अब दिल्ली सहित देश भर में आयोजित होते हैं और करोड़ों लोग त्यौहारों की ख़ुशियाँ मनाते हैं । ऐसा माना जाता है कि त्यौहार मनाने से घरों में सौभाग्य एवं संपन्नता का वास होता है
श्री खंडेलवाल ने बताया कि इस त्यौहारों के सीजन में कपड़े एवं परिधान खासकर पारंपरिक परिधान जैसे साड़ी, लहंगा, और कुर्ते की मांग नवरात्रि और रामलीला के दौरान काफी बढ़ती है। पूजा और धार्मिक आयोजनों के लिए लोग नए कपड़े खरीदते हैं, जिससे इस श्रेणी में व्यापार में उछाल देखने को मिलता है।वहीं बड़े पैमाने पर पूजा सामग्री की माँग भी होती है। पूजन के लिए आवश्यक वस्तुएं जैसे फल, फूल, नारियल, चुनरी, दीपक, अगरबत्ती, और अन्य पूजन सामग्रियों की भारी मांग रहती है।
उन्होंने बताया कि खाद्य एवं मिठाई अन्य वस्तुएँ हैं जिनको त्योहारों के दौरान लोग ख़रीदते हैं । हलवा, लड्डू, बर्फी और अन्य मिठाइयों की खपत इस दौरान बढ़ जाती है वहीं बड़ी मात्रा में फलों और फूलों की भी माँग रहती है। त्योहारों में घर और पूजा पंडालों को सजाने के लिए साज-सज्जा के सामान, जैसे दीयों, बंदनवार, रंगोली सामग्री, और लाइटिंग की मांग बढ़ती है।
नवरात्रि और रामलीला उत्सव न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि व्यापारिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत लाभकारी होते हैं।
श्री खंडेलवाल ने कहा कि इन दस दिनों में पंडाल बनाने के लिए टेंट हाउस, सजाने के लिए सजावटी कंपनियाँ आदि को बढ़ा व्यापार मिलता है। इस मौक़े पर देश भर में बड़ी मात्रा में मेले तथा उत्सव संबंधी हज़ारों आयोजन होते हैं जिसमें लाखों लोग भाग लेते हैं ।
श्री खंडेलवाल ने कहा कि यह आयोजन धार्मिक आस्था के साथ-साथ सांस्कृतिक एकता और व्यापारिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहित करते हैं।
Recent
- भारतीय व्यापारी नेताओं ने तुर्की और अज़रबैजान के साथ व्यापार बहिष्कार का बड़ा निर्णय लिया आज दिल्ली में कैट द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में लिया गया निर्णय
- Indian trade leaders resolve to boycott trade with Turkey and Azerbaijan Decision taken at National Conference convened by CAIT in Delhi today
- आचार्य चाणक्य ने कहा था जब शांति सभी उपायों से असंभव हो जाए, तभी युद्ध का मार्ग अपनाना चाहिए। परंतु जब युद्ध करो, तो ऐसा करो कि शत्रु फिर कभी उठ न सके।” और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्र को दिए अपने संबोधन में आचार्य चाणक्य के इस विचार को सिद्ध भी कर दिया।
- Acharya Chanakya once said, ‘When peace becomes impossible through all means, only then should the path of war be adopted. But when you wage war, do it in such a way that the enemy can never rise again.’ Today, Hon’ble Prime Minister Shri Narendra Modi has validated this very thought through his address to the nation.
- भारत के खुदरा व्यापार पर कब्ज़े की साज़िश के खिलाफ 16 मई को कैट का राष्ट्रीय संगोष्ठी — देशभर के 100 से अधिक व्यापारिक नेता लेंगे भाग