
आचार्य चाणक्य ने कहा था जब शांति सभी उपायों से असंभव हो जाए, तभी युद्ध का मार्ग अपनाना चाहिए। परंतु जब युद्ध करो, तो ऐसा करो कि शत्रु फिर कभी उठ न सके।” और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्र को दिए अपने संबोधन में आचार्य चाणक्य के इस विचार को सिद्ध भी कर दिया।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत-पाक युद्ध के संदर्भ में राष्ट्र के नाम दिया गया संबोधन प्रत्येक भारतीय के हृदय को गर्व, संकल्प और आत्मबल से भर देने वाला था। उन्होंने देश की संप्रभुता, सुरक्षा और आत्मसम्मान की रक्षा हेतु जो स्पष्ट, दृढ़ और राष्ट्रवादी दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है, वह समस्त देशवासियों के मन में विश्वास उत्पन्न करता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में न केवल भारत की सैन्य शक्ति और कूटनीतिक परिपक्वता को उजागर किया, बल्कि विश्व समुदाय को भी स्पष्ट संदेश दिया कि भारत अपनी रक्षा के लिए कोई भी आवश्यक कदम उठाने में संकोच नहीं करेगा।
संपूर्ण भारत उनके नेतृत्व में पूर्ण विश्वास रखते हैं और इस कठिन समय में देश के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़े हैं। पूरा व्यापारी समुदाय, हर नागरिक और हर सच्चा देशभक्त प्रधानमंत्री जी के संकल्प और देशभक्ति से प्रेरणा लेकर भारत की रक्षा और अखंडता के लिए प्रतिबद्ध है।
— प्रवीन खंडेलवाल
सांसद एवं राष्ट्रीय महामंत्री कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT)
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- Acharya Chanakya once said, ‘When peace becomes impossible through all means, only then should the path of war be adopted. But when you wage war, do it in such a way that the enemy can never rise again.’ Today, Hon’ble Prime Minister Shri Narendra Modi has validated this very thought through his address to the nation.
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