अमरीकी टैरिफ को कैट ने वैश्विक बाज़ारों की खोज का अवसर बताया
कन्फेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज कहा कि अमेरिका द्वारा हाल ही में लगाए गए शुल्क अवरोध भारतीय व्यापार के लिए किसी झटके की तरह नहीं हैं, बल्कि यह भारत की वैश्विक बाज़ारों में मौजूदगी को और मज़बूत करने तथा नए अवसर तलाशने का सुनहरा मौका है।प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के हर कदम के समर्थन में भारत का व्यापार एवं उद्योग मजबूती से खड़ा है
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी. भारतीया ने कहा, “व्यापार करने के लिए अमेरिका ही एकमात्र गंतव्य नहीं है। वैश्विक व्यापार परिदृश्य बहुत व्यापक है और यूके, यूरोपीय बाज़ार, दक्षिण अफ्रीका, आसियान देश, लैटिन अमेरिका, यूएई आदि में भारत के लिए अपार संभावनाएं मौजूद हैं। भारतीय व्यापारी चुनौतियों से डरते नहीं हैं—हर नई परिस्थिति एक नया अवसर लेकर आती है। हम इसे एक ऐसे मोड़ के रूप में देख रहे हैं, जो हमारे व्यापारिक दायरे को और विस्तृत करेगा।”
इसी कड़ी में सांसद एवं कैट के राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा, “इतिहास गवाह है कि व्यापार भारत की रगों में है। सिंधु घाटी सभ्यता के युग से ही भारत वैश्विक वाणिज्य का केंद्र रहा है। कोई भी अवरोध भारतीय व्यापारियों को व्यापार करने से रोक नहीं सकता। यह कोई संकट नहीं बल्कि अपने क्षितिज को फैलाने का अवसर है। यूरोपीय संघ, दक्षिण अफ्रीका, मध्य पूर्व और अन्य क्षेत्र विशाल संभावनाएं रखते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय व्यापारी हर बार मज़बूत होकर लौटे हैं—चाहे वह कोविड-19 हो, आर्थिक मंदी हो या प्राकृतिक आपदाएँ। यह भी सिर्फ़ एक सीढ़ी है।”
श्री खंडेलवाल ने आगे कहा कि भारत के 9 करोड़ व्यापारियों की दृढ़ता और उद्यमशीलता की भावना ने हमेशा देश की घरेलू अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाए रखा है और जीडीपी व रोज़गार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा, “आज भारतीय व्यापारी अपनी रणनीतियों को नया रूप देने, आपूर्ति श्रृंखलाओं को मज़बूत करने और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म को अपनाकर नए बाज़ारों में प्रवेश करने के लिए तैयार हैं।”
कैट ने रेखांकित किया कि ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियानों के तहत भारत एक विश्वसनीय वैश्विक भागीदार के रूप में उभर रहा है और दुनिया भारत से भरोसेमंद व्यापारिक रिश्तों की अपेक्षा रखती है। संगठन ने भारत सरकार से भी आग्रह किया कि यूरोप, अफ्रीका और एशिया-प्रशांत देशों के साथ व्यापारिक संवादों को तेज़ किया जाए ताकि व्यापारियों को व्यापक बाज़ार तक पहुँच मिल सके।
“हम इसे एक वरदान के रूप में देखते हैं,” श्री भारतीया ने निष्कर्ष में कहा। “भारतीय व्यापारी इस चुनौती को ऐतिहासिक अवसर में बदलने के लिए प्रतिबद्ध हैं और भारत की भूमिका को वैश्विक व्यापार शक्ति के रूप में और अधिक मज़बूत करेंगे।”
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