
होली त्यौहार का व्यापार पर आर्थिक प्रभाव: इस वर्ष 60 हज़ार करोड़ से अधिक के व्यापार होने की संभावना
कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री एवं चाँदनी चौक से भाजपा सांसद श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की पिछले वर्षों की तरह इस बार भी होली की त्यौहारी बिक्री में चीन का बने हुए सामान का व्यापारियों एवं ग्राहकों ने बहिष्कार किया और केवल भारत में ही निर्मित हर्बल रंग एवं गुलाल, पिचकारी, ग़ुब्बारे, चंदन , पूजा सामग्री, परिधान सहित अन्य सामानों की जमकर बिक्री हो रही है वहीं मिठाइयां, ड्राई फ्रूट , गिफ्ट आइटम्स, फूल एवं फल, कपड़े , फ़र्निशिंग फैब्रिक, किराना, एफएमसीजी प्रोडक्ट, कंज्यूमर ड्युरेबल्स सहित अन्य अनेकों उत्पादों की भी ज़बरदस्त माँग बाज़ारों में दिखाई दे रही है ।उपभोक्ता खर्च में वृद्धि के चलते विभिन्न व्यापार के क्षेत्रों में होली की त्यौहारों की बिक्री तेजी से हो रही है।रंग-अबीर खेलने के लिए लोग सफेद टी-शर्ट और कुर्ता-पाजामा, सलवार सूट की मांग कर रहे हैं। वहीं, हैप्पी होली लिखे टी-शर्ट की मांग भी बाज़ार में लगातार बनी हुई है।
श्री खंडेलवाल ने कहा की भारत त्योहारों का देश है और हर त्यौहार अथवा किसी भी धार्मिक आयोजन से व्यापार निश्चित रूप से बढ़ता है। होली से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे स्थानीय व्यवसायों, छोटे व्यापारियों, लघु उद्योगों एवं एमएसएमई सेक्टर विशेष रूप से लाभ होता है। यह होली देश भर में व्यापारियों और खुदरा विक्रेताओं के लिए भी फायदेमंद साबित होगी।
कैट के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष होली का त्योहार व्यापारियों के लिए 60,000 करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होने की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 20% अधिक है। पिछले वर्ष यही कारोबार लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपये का था। एक अनुमान के अनुसार दिल्ली के बाजारों में ही लगभग 8 हज़ार करोड़ से अधिक के व्यापार होने की संभावना है।
श्री खंडेलवाल ने बताया की इस वर्ष भी दिल्ली सहित देश भर में भर में बड़े पैमाने पर होली समारोहों का आयोजन हो रहा है जिसके चलते बैंक्वेट हाल, फार्म हाउस, होटलों ,रेस्टोरेंट एवं सार्वजनिक पार्कों में होली समारोहों आयोजनों का तांता लगा हुआ है| अकेले दिल्ली भर में छोटे बड़े मिलाकर 3 हज़ार से ज़्यादा होली मिलन समारोह आयोजित हो रहे हैं और सभी कार्यक्रमों में शामिल लोगों को चेहरों पर एक नई ख़ुशी तथा उत्साह का वातावरण देखने को मिल रहा है। बड़ी संख्या में व्यापारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक संगठन होली मिलन समारोह आयोजित कर रहे हैं।
होली का पर्व नजदीक आते ही दिल्ली के सभी थोक एवं खुदरा बाजार पूरी तरह सजे हुए हैं। सभी बाजारों में दुकानों पर गुलाल और पिचकारी के साथ होली के अन्य सामानों की खरीदारी के लिए भीड़ लगी है।होली केवल रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि भोजन और व्यंजनों का भी पर्व है।मिठाई की दुकानों पर ख़ास तौर से होली पर बनने वाली गुंजिया आदि के बड़े स्तर पर बिक्री हो रही ह।
श्री खंडेलवाल ने कहा की दिल्ली में 13 मार्च को होली जलाई जाएगी जबकि रंगों का पर्व 14 मार्च को मनाया जाएगा ।होली के रंग में बाजार भी रंगे हुए नजर आने लगे हैं। बाजार में रंग बिरंगे गुलाल और पिचकारी के अलावा गुजिया के हार और मेवा से दुकानें सजी हुई है।बाजार में खरीददारी के लिए लोगों की प्रतिदिन बड़ती जा रही है ।उन्होंने बताया की होली पर रिश्तेदारों के यहां फल और मिठाई के साथ में मेवे की माला ले जाने की परंपरा के चलते खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ दुकानों पर लगी रही। इसके चलते बाजार में चहल पहल बनी हुई है । केमिकल युक्त गुलाल एवं रंग की बजाय हर्बल रंग, अबीर और गुलाल की सर्वाधिक माँग बाज़ारों में है वहीं ग़ुब्बारे और पिचकारी की माँग पिछले सालों के मुक़ाबले कुछ ज़्यादा ही है | श्री खंडेलवाल ने बताया की इस बार बाजार में अलग-अलग तरह की पिचकारी गुब्बारे और अन्य आकर्षक आइटम आए हैं। प्रेशर वाली पिचकारी 100 रुपये से 350 रुपये तक की उपलब्ध है। टैंक के रूप में पिचकारी 100 रुपये से लेकर 400 रुपये तक में उपलब्ध है। इसके अलावा फैंसी पाइप की भी बाजार में धूम मची है। बच्चे स्पाइडर मैन, छोटा भीम आदि को बच्चे खूब पसंद कर रहे है वहीं गुलाल के स्प्रे की माँग बेहद हो रही है ।
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